THE SMART TRICK OF पारद शिवलिंग कहा मिलता है THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of पारद शिवलिंग कहा मिलता है That Nobody is Discussing

The smart Trick of पारद शिवलिंग कहा मिलता है That Nobody is Discussing

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स्वयंभू शिव: स्फटिक शिवलिंग को भगवान शिव का स्वयंभू रूप माना जाता है। अर्थात, यह प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और किसी बाहरी प्रक्रिया से नहीं।

ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।

शिवलिंग अंडाकार है क्योंकि शिव ही वह बीज है जिसने सृष्टि का निर्माण किया। यही कारण है शिव से सम्बंधित वह बीज अंडाकार है। वहीँ वैज्ञानिकों की मानें तो इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण एक छोटे से अंडे से हुआ है।

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हालांकि पारद शि​वलिंग आसानी से नहीं मिल पाती, ऐसे में आप घर पर स्फटिक शिवलिंग या कोई अन्य शिवलिंग रख सकते हैं.

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पारद शिवलिंग की पूजा से आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है।

पारद शिवलिंग से सिर्फ भगवान शिव का ही आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता बल्कि माता लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है।

पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभ

रोज साध्या पाण्याने किंवा सुविधा असेल तर गंगाजल च्या पाण्याने अभिषेक करावा.

मिट्टी का घड़ा और सुराही आप भी लाएं घर, फायदे जान कर हैरान रह जाएंगा

घर में पार्थिव शिवलिंग, धातु या स्फटिक और पारद शिवलिंग रख सकते हैं. लेकिन इनमें से श्रेष्ठ

यह शिवलिंग आपके घर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार करता है जिसके माध्यम से पारिवारिक जन में आपसी मतभेद नहीं होते और प्रेम-सौदार्ह का माहौल बना रहता है।

क्या शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाना चाहिए? – शिवलिंग पर अर्पित किया गया हर प्रसाद चण्डेश्वर का एक भाग है और click here इस तरह से इस प्रसाद को ग्रहण का अर्थ है भूत प्रेतों के अंश को ग्रहण कर लेना। ध्यान रहे कि केवल पत्थर, मिट्टी और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद नहीं खाना चाहिए।

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